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Monday, January 19, 2009

'वेदांत मंडलम' ट्रस्ट (रजी.)

ट्रस्ट के उद्देश्य :

१। धर्म, जाति, रंग, देश के भेद-भाव के बिना वैश्विक जनमानस में वेद-वेदांत के एकात्म भाव एवं अन्य लोकोपयोगी पक्ष का प्रचार प्रसार करना।

२। नियमित सत्संगों, प्रवचनों, एवं जनजागृति कार्यक्रमों के माध्यम से , सुनिश्चित वेदान्तिक परम्परा का प्रचार प्रसार करते हुए वेदांत-सम्मत जीवन-चर्या को नए सन्दर्भों में लोकप्रिय बनाना।

३। संस्था की सुनिश्चित वेदान्तिक परम्परा के प्रचार प्रसार के लिए शिक्षार्थियों, स्वयंसेवकों, प्रचारकों को तैयार करना। रचनात्मक व्यक्तित्व का विकास। इस कार्य के लिए वेदान्तिक विद्यालयों की स्थापना करना।

४। नूतन एवं पुरातन वेदान्तिक साहित्य का अनुसन्धान, संग्रहण एवं शोध।

५। 'वेदांत मण्डलं' नाम से नियमित/आवधिक पत्रिका एवं अन्य लोकोपयोगी साहित्य का प्रकाशन।

६। समय-समय पर सांस्कृतिक संगोष्ठियों/ सम्मेलनों के माध्यम से मनीषियों को संस्था के मंच पर सम्मिलित एवं सम्मानित करना।

७। भारतीय संस्कृति एवं जीवनमूल्यों के प्रति वैश्विक जनजागरण के लिए कृतसंकल्प व्यक्तियों एवं उपयोगी संसाधनों की खोज। संस्था द्वारा निर्मित वस्तुओं से अर्जित आय से संस्था को सुदृढ़ आधार प्रदान करना। इन संसाधनों से व्यक्ति, राष्ट्र एवं समस्त विश्व के पुनर्निर्माण में रचनात्मक योगदान प्रदान करना।

८। सामाजिक कुरीतियों को दूर करने के लिए समाज में भ्रातृत्व आदि गुणों का प्रसार करना। इन कार्यों की स्थापना के लिए उपयुक्त संस्थाएं स्थापित करना।

९। इन उदेश्यों की पूर्ति के लिए व्यक्तियों तथा संस्थाओं में ऐसी उपयुक्त शर्तों पर निवेश करना जिससे संस्था को अपने उदेश्यों की पूर्ति के सहायता मिल सके।

१०। प्रकृति संरक्षण के लिए समाज में पर्यावरण-प्रेम एवं पारिस्थितिकी के प्रति जागृति पैदा करना।

११। विभिन्न योग पद्धतियों के तहत शारीरिक , मानसिक एवं आध्यात्मिक स्वास्थ्य लाभ के लिए इच्छुक एवं सुपात्र लोगों को शिक्षित करना।

१२। योग्य विद्वानों तथा आचार्यों को सम्मान, पुरुस्कार एवं विद्यार्थियों को छात्रवृतियां प्रदान करना।

१३। होनहार किंतु अभावग्रस्त बच्चों व अनाथों के पुनर्वास के लिए स्वतंत्र रूप से संस्थाएं स्थापित / संचालित करना एवं अन्य संस्थाओं के सहयोग से कार्य करना।

१४। 'वेदांत मण्डलं' के उदेश्यों की पूर्ति के लिए कोई भी उपयुक्त कार्य करना। ऐसे कार्यों के लिए संस्था अपने संसाधनों, निधियों में से व्यय कर सकेगी बशर्ते की 'वेदांत मण्डलं' के सारे लाभ व चल अचल सम्पति का उपयोग इस अभिलेख में उल्लिखित उदेश्यों के लिए ही हो, तथा उसका कोई भी अंश किसी भी व्यक्ति को, संस्था के नए पुराने सदस्यों या उनके प्रतिनिधियों को अन्य उदेश्यों के लिए प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से नहीं किया जाएगा। संस्था का कोई भी व्यक्ति संस्था की चल अचल सम्पति पर कोई दावा नहीं करेगा, या इसकी सदस्यता के आधार पर किसी प्रकार का लाभ प्राप्त नहीं करका। संस्था के किसी भी लाभ का भुगतान संस्था के वर्तमान अथवा नी वर्तमान सदस्यों को या इन सदस्यों के माध्यम से दावा करने वाले एक या अधिक व्यक्ति को नहीं किया जाएगा.